क्या लिख रहे हो
पान वाले भैया ने पूछा मुझसे
"सोच रहा हूँ क्या लिखूं ,
ख्वाबों पर लिख चुका हूँ
सच झूठ सब लिख चुका हूँ
किसी के साथ और अकेलेपन पर
बंद खिडकियों और बंद दरवाजों
सब पर लिख चुका हूँ
लिख चुका हूँ आँखों पर
उन होठों पर लिख चुका हूँ
खुली बाँहों और बंद दिलों पर लिख चुका हूँ
छोटी गुड़िया पर लिख चुका हूँ और
सफ़ेद बालों वाली बुढ़िया पर लिख चुका हूँ
भ्रष्ट नेताओं पर और कामचोर बाबुओं पर लिख चुका हूँ
लिख चुका हूँ अपने दिल का हाल
अपने देश के हालात भी लिख चुका हूँ
अब तुम ही बताओ भैया
और क्या लिखूं "
पान वाले भैया ने पूछा मुझसे
"सोच रहा हूँ क्या लिखूं ,
ख्वाबों पर लिख चुका हूँ
सच झूठ सब लिख चुका हूँ
किसी के साथ और अकेलेपन पर
बंद खिडकियों और बंद दरवाजों
सब पर लिख चुका हूँ
लिख चुका हूँ आँखों पर
उन होठों पर लिख चुका हूँ
खुली बाँहों और बंद दिलों पर लिख चुका हूँ
छोटी गुड़िया पर लिख चुका हूँ और
सफ़ेद बालों वाली बुढ़िया पर लिख चुका हूँ
भ्रष्ट नेताओं पर और कामचोर बाबुओं पर लिख चुका हूँ
लिख चुका हूँ अपने दिल का हाल
अपने देश के हालात भी लिख चुका हूँ
अब तुम ही बताओ भैया
और क्या लिखूं "
nicely penned ....!!
ReplyDeletewell done
aapke har poem par comment likh chuka hu....
ReplyDeletesubhaanallah, kya baat ki daad de chuka hu....
ab batayiye....
kya likhu.... :/ :/
behtareen kavita bhai :)
Loved the poem, nice one
ReplyDelete:)
ReplyDeleteInteresting once again. Its so funny how imagination strikes one suddenly. Waiting for the other poems too that you wrote along with this one.
Keep writing!
very nice..
ReplyDeletevery nice..
ReplyDeletethis one was funny!
ReplyDeleteWhen you see aroung and see lot of thing happening all at the same time and you know this has been the way always and it will happen again, even the worst of things have become common.. You try to find out your own role in those happenings and find nothing.. this poem for me is an outcome of that situation... Very well written...!!
ReplyDeleteWhen there are lot of things happening around and you know that it has been the same way always and it will not change, even the worst of things in your imaginations are becoming common. When you see things happening around and try to find your role in that but cant find any.. This poem for me is the result of such situation.. Very well written..!!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर !आपने तो "और क्या लिखूं .." पर ही लिख डाला .
ReplyDeleteWrite about the future. The past has already been quoted, present have been analyzed and future need to be elanorated now :) and dreams are not actually the future
ReplyDeleteBeautiful....Exactly my thoughts when I sit down to write :)
ReplyDeleteBeautifully written.....Exactly my thoughts when i sit down to write anything :)
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