अधमरी सी सुबह में
तुम्हे बर्फ में लाशें खोजते देखा
कल रात क्या हुआ
कुछ बताओगी
तुम्हारी ऑंखें खुली हुई थीं
पर होश में नहीं लग रही थी तुम
सहमी हुई तो नहीं
पर बिखरी हुई लग रही थी
क्या हुआ अगर वो नहीं रहा
और आएंगे
तुम्हरे ज़हन में बरसों से जमी बर्फ से
उसकी यादों की लाशें मत उखाड़ो ..
तुम्हे बर्फ में लाशें खोजते देखा
कल रात क्या हुआ
कुछ बताओगी
तुम्हारी ऑंखें खुली हुई थीं
पर होश में नहीं लग रही थी तुम
सहमी हुई तो नहीं
पर बिखरी हुई लग रही थी
क्या हुआ अगर वो नहीं रहा
और आएंगे
तुम्हरे ज़हन में बरसों से जमी बर्फ से
उसकी यादों की लाशें मत उखाड़ो ..