Monday, January 11, 2010

शादी से पहले और शादी के बाद

शादी से पहले

खुली मेरी खिड़की है बंद तेरा दरवाजा
नजरें मिलाऊं कैसे मुझे बतलाइए
पागल तेरा कुत्ता है पागल तेरा भाई है
पास तेरे आऊं कैसे मुझे बतलाइए
घर से बहार जब माँ बाप भाई जाएँ
खिड़की पे आके ज़रा दरस दिखाइए
प्यार को तेरे मैं तरस रहा हूँ गोरी
कुछ भी करिए पर तड़प मिटाइए !!

अब शादी के बाद

खुली मेरी खिड़की है खुला मेरा दरवाजा
कब आप जाएँगी मुझे बतलाइए
पागल तेरा कुत्ता था पागल तेरा भाई था
मैं भी पागल हो गया हूँ
कुछ तो रहम खाइए
घर से बहार जब चुन्नी मुन्नी मुन्ना जाएँ
खिड़की से कूद के आप भाग जाइये
प्यार को तेरे मैं भुगत रहा हूँ गोरी
मुझे मार दीजिये या छत से कूद जाइये !!!

1 comment:

Thank you for taking time out to comment on this creation. Happy Reading . Please revisit.