Wednesday, June 20, 2012

शौक

आबेज़ार से किस्मत लिखी मेरी


की आबिद को शौक हज़ार दिए

बदबख्ती ये की न दिया तो इक एक वक़्त

न मौज में डूबे हुए हमराह ही दिए



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