ख्याल हैं मेरे मन में
कुछ टूटे से कुछ बिखरे से
तेरी याद में हैं मेरे दिल के तार
कुछ बेचैन से कुछ बिफरे से !!
मैं आके तेरी बाँहों में यूँ
गिरता था जैसे
अरमान हों मेरी आहों में
कुछ अधूरे कुछ भूले बिसरे से !!
यादों के साये तेरे
कुछ अँधेरे कुछ उजले से
मैं भीगा जाता हूँ मेरे ही अपने आंसुओं से
दर्द आज हैं मेरे दिल के
कुछ दबे कुछ उभरे से !!
वो शरारतें तुझे ढूंढती हैं
कभी खुल के कभी चुपके से
क्या याद है तुम्हे वो दिन
जब चले थे हम बारिश में
कुछ भीगे कुछ ठिठुरे से !!
भावपूर्ण रचना.
ReplyDeleteएक निवेदन:
कृपया वर्ड-वेरिफिकेशन हटा लीजिये
वर्ड वेरीफिकेशन हटाने के लिए:
डैशबोर्ड>सेटिंग्स>कमेन्टस>Show word verification for comments?>
इसमें ’नो’ का विकल्प चुन लें..बस हो गया..जितना सरल है इसे हटाना, उतना ही मुश्किल-इसे भरना!! यकीन मानिये.
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ReplyDeleteyaad kaise na ho wo din
ReplyDeletekuc bheege se kuc thithure se
jab mai tum me jiya karti thi
aur tum mujh me hua karte the
tum kya jano? ?
tumhare sath gujre un lamho
ki yaado k sahare
maine kitne din raat gujare honge
kitni betaab tamano k
kaafile par utare honge
ashak dheere se aankho se
gaalon pe girte h teri yaadon me aise
jaise khyal hai tere maan me
kuc tute se kuc bhikhare se
@Richa - Wah .. Bahut he badhiyan jawab diya hai :) Loved it. :)
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